लोक राज संगठन की सर्व हिन्द परिषद बहुत दुःख के साथ यह घोषित करती है कि हमारी सर्व हिन्द परिषद के सदस्य, कामरेड प्रवीण रामटेके का, 4 मई की सुबह को देहांत हो गया.

प्रवीण बहुत ही गर्म जोशी से बात और काम करने वाले इंसान थे. वे लोगों को सत्ता में लाने के आन्दोलन में पूरी एकाग्रता से शामिल थे. हर मीटिंग और रैली का समापन उनके जोश और उम्मीदों से भरे गीतों के साथ होता था – जिन्हें सुनकर सभी लोग अपनी मुट्ठियाँ तान कर उठ खड़े हो जाते थे और उस नए समाज को बनाने की कसम खाते थे, जिसमें मानव अधिकारों का हनन नहीं होगा और सब के लिए सुख-सुरक्षा सुनिश्चित होगी.

प्रवीण की हर सांस में उनके जीने का उत्साह ज़ाहिर होता था. हर काम में उनकी निष्ठा हम सब के लिए प्रेरणा का स्रोत था. अपनी भावुक कविताओं के जरिये उन्होंने वर्तमान समाज की अनेक बुराइयों पर अपना आक्रोश प्रकट किया और साथ ही साथ, एक उज्ज्वल भविष्य के लिए अपनी पक्की उम्मीदों को भी.

प्रवीण लोक राज संगठन की शुरुआत से, कमिटी फॉर पीपल्स एमपावरमेंट के नाम से हमारे प्रारम्भ से ही, हमारे सक्रिय सदस्य और कार्यकर्ता रहे. मुंबई, पुणे और दिल्ली में लोक राज संगठन को बनाने में उनकी अहम भूमिका रही.

प्रवीण चंद्रपुर, महाराष्ट्र के एक साधारण परिवार से थे. उन्होंने आई.आई.टी. से एम टेक की डिग्री हासिल की थी. उसके बाद उन्होंने लोगों को सत्ता में लाने के आन्दोलन में कूद पड़ने का फैसला लिया और फिर कभी उससे पीछे नहीं हटे.

प्रवीण ने पति और पिता की भूमिका को पूरी निष्ठा के साथ निभाया. वे अपने पीछे छोड़ गए अपनी प्रिय पत्नी व साथी, पुत्र और पुत्री – जिनके लिए वे एक मित्र, दर्शनशास्त्री और मार्गदर्शक थे – और अनेक दुखी परिजन, मित्र व संगठन के सहकर्मी सदस्य.

संगठन के काम में उनके उत्साह और गंभीरता का अभाव हमें सदा महसूस होगा. हम एकजुट होकर कसम खाते हैं कि जिन लक्ष्यों के लिए प्रवीन ने जीवन भर काम किया था, उन्हें हासिल करने के लिए हम अपने काम को और तेज़ी से आगे बढ़ाएंगे.

प्रवीण के परिजनों, मित्रों और सहकर्मियों को हम हार्दिक संवेदना प्रकट करते हैं. इस दुःख की घड़ी में हम उनके साथ हैं.

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