बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति की अगुवाई में 12 मार्च को राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले की नोहर तहसील के रामगढ़ गांव में हजारों लोगों – महिलाओं, पुरुषों, नौजवानों ने विशाल जुलूस निकाला। तहसील कार्यालय का घेराव करते हुये मेगा हाईवे का चक्का जाम किया। यह विरोध प्रदर्शन बिजली की दरों में बढ़ोतरी, सिक्योरिटी राशि तथा तेज़ चलते मीटरों के विरोध में किया गया। संघर्ष समिति का कहना है कि सरकार और बिजली विभाग तथा बिजली वितरण कंपनी की मिलीभगत में पिछले सात महीने से जनता की लूट हो रही है।
प्रदर्शनकारियों ने रामगढ़ में तहसील कार्यालय का घेराव किया लेकिन जब प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया, तब लोगों ने मेगा हाइवे को जाम कर दिया। हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने पूरे दिन रास्ता जाम रखा।
चक्का जाम के दौरान प्रदर्शनकारियों को संबोधित करने वालों में शामिल थे – लोक राज संगठन के सर्व हिन्द उपाध्यक्ष हनुमान प्रसाद शर्मा, शैलेंद्र, ओमप्रकाश तथा महबूब खान।
शाम होते-होते प्रशासन को झुकना पड़ा और नोहर के एस.डी.एम. के नेतृत्व में बातचीत हुई। जिसमें सिक्युरिटी राशि की पर्ची समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। चर्चा में बिजली विभाग ने माना कि सिक्योरिटी राशि की पर्ची को निलंबित कर दिया जायेगा। प्रशासन ने कहा कि किसी की भी बिजली नहीं काटी जाएगी।
समिति द्वारा उठाई गई मांगें हैं:
1. बढ़ी हुई बिजली की दरों को तुरंत वापस लिया जाये।
2. सिक्योरिटी राशि के नोटिस को विभाग तुरंत निरस्त करे।
3. स्थाई सेवा शुल्क के रूप में वसूली जा रही राशि को तत्काल बंद किया जाए।
4. बिजली बिलों में भारी अनियमितताओं को तुरंत ठीक किया जाए। खराब और तेज़ गति से चलने वाले बिजली मीटरों को बदला जाए। ऐसे घटिया मीटर बनाने वाली कंपनियों का टैंडर निरस्त किया जाए। पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए उपभोक्ता प्रतिनिधियों की भागीदारी सहित एक विशेष कमेटी गठित की जाये।
5. दिल्ली के अनुरूप राजस्थान में प्रत्येक परिवार को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाए।
6. बिजली विभाग और प्राइवेट कंपनियों की तानाशाही, लूट और घोटालों पर तुरंत रोक लगायी जाये। बिजली का निजीकरण बन्द किया जाए।
7. आंदोलनकारियों पर दर्ज झूठे मुकदमे वापस लिये जायें।