22 जुलाई 2019 को राजस्थान की राजधानी जयपुर में, पवन व्यास के हत्यारों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर विधानसभा पर विशाल प्रदर्शन किया गया।
विदित है कि 17 अक्तूबर 2017 को जसाना के अटल सेवा केन्द्र संचालक पवन व्यास की हत्या कर दी गई थी। लगभग 2 साल बाद पुलिस अपराधियों को पकड़कर सामने नहीं ला पायी है। पवन व्यास के हत्यारों को पकड़ने और इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर उनके परिजन तथा संघर्ष समिति के सदस्य पुलिस थाने के सामने लगातार धरने पर बैठे हैं।
यह प्रदर्शन पवन व्यास को न्याय दिलाने के लिए बनाए गए ‘न्याय संघर्ष समिति’ की अगुवाई में हुआ। इस समिति को विप्र फाउंडेशन, लोक राज संगठन सहित कई अन्य जन संगठनों का समर्थन हासिल है।
बेटे के हत्यारों की गिरफ्तारी और कड़ी सज़ा देने की मांग को लेकर मृतक पवन व्यास के पिता रामस्वरूप व्यास, सहित नौजवान की 15 सदस्यीय टोली ने नोहर से जयपुर तक, 311 किमी ‘न्याय यात्रा’ की। यह न्याय यात्रा अलग-अलग गांवों से गुजरती हुई शनिवार को जयपुर पहुंची।
प्रदर्शन जयपुर कलेक्ट्रेट सर्किल से विधानसभा तक एक पैदल मार्च के रुप में हुआ। लेकिन पुलिस ने प्रदर्शन को विधानसभा से पूर्व बाईस गोदाम सर्किल के पास रोक दिया। इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
प्रदर्शन में, कई राजनीतिक दलों और संगठनों के नेता अपने समर्थकों के साथ पहुंचे। लोक राज संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हनुमान प्रसाद शर्मा, भादरा के माकपा विधायक बलवान पूनिया, कांग्रेस विधायक डॉ राजकुमार शर्मा, नोहर विधायक अमित चाचाण, विधायक राकेश पारीक, पूर्व विधायक मनोज न्यांगली, भाजपा विधायक धर्मनारायण जोशी, रतनगढ़ विधायक अभिनेष महर्षि, संजय शर्मा, रामलाल शर्मा आदि प्रदर्शन में मौजूद थे।
पिता रामस्वरूप व्यास सहित न्याय संघर्ष समिति के सदस्यों – सुरेन्द्र जोशी, मालाराम जोशी, मंगेज चैधरी आदि ने केबिनेट मंत्री शांति धारीवाल के साथ वार्ता की। वार्ता में उपरोक्त विधायक मौजूद रहे। वार्ता में सहमति बनी कि पीड़ित परिवार को राज्य की योजना के तहत आर्थिक सहायता दी जाएगी। केबिनेट मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि हत्यारों को पकड़ने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक करण शर्मा के नेतृत्व में 24 सदस्यीय टीम जुटी हुई है, मंत्री की ओर से थोड़ा समय दिए जाने की मांग की गई। हत्याकांड का पर्दाफाश करने वाले को 50,000 रुपए का इनाम भी रखा गया हैं।
अंत में, ‘न्याय संघर्ष समिति’ ने फैसला किया कि, जब तक हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती, तब तक नोहर थाने के सामने पड़ाव जारी रहेगा।