देश में स्वच्छता अभियान चल रहा है। देश की राजधानी में स्वच्छता का दायरा सिर्फ केन्द्रीय दिल्ली है। स्वच्छता अभियान की किरणें, दिल्ली के गांवों, झुग्गी-झोपड़ियों, अनधिकृत व अधिकृत कालोनियों और पुनर्वास कालोनियांे, जहां दिल्ली की सबसे ज्यादा आबादी बसती है वहां नहीं पहुंच पायी हैं। उदाहरण के लिए दक्षिणी दिल्ली के हरकेश नगर वार्ड में बसी संजय कालोनी व आसपास की अनेक बसावटों में गंदगी को लेकर लोक राज संगठन की स्थानीय समिति को दखल देना पड़ा। काफी मशक्कत के बाद, 1 सितंबर, 2018 को देर रात 9 बजे नगर-निगम को सफाई करने को बाध्य होना पड़ा।
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इससे पहले, 19 अगस्त को संजय कालोनी में गंदगी को साफ करने को लेकर स्थानीय निवासियों की हस्ताक्षरयुक्त शिकायत मुख्यमंत्री, दक्षिण दिल्ली नगर निगम आयुक्त, दक्षिण दिल्ली के सांसद, तुगलकाबाद विधायक व निगम पार्षद को भेजा गया।
शिकायत में, यह मांग थी कि दीपालय स्कूल के गेट के सामने का मुख्य रास्ता, जो कि एक फुट कीचड़ से पटा पड़ा है इस कीचड़ को हटाया जाए, ताकि पढ़ने वाले बच्चे, शिक्षक तथा निवासी आ-जा सकें। लेकिन जन-प्रतिनिधियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। परन्तु यही प्रतिनिधि स्वच्छता अभियान में झाड़ू हाथ में लेकर अखबार के लिये फोटों खिंचवाते हैं। नगर-निगम, जिसका काम है, शहर को साफ रखना, उसके कान पर जूं तक रेंगी।
हारकर, स्थानीय समिति ने सोशल मीडिया के ज़रिए 1 सितंबर को दीपालय स्कूल पर एकजुट होने का अपील की। इस अपील पर, कालोनी के नौजवान और राजनीतिक दलों स्थानीय के कार्यकर्ता, अपनी पार्टीवादी दुश्मनियों को भूलकर आगे आए। वहां सभा की गई। सभा में, स्थानीय समिति ने कहा कि, सरकारें और अधिकारी हमारे स्वस्थ्य की चिंता करने के नाम पर, पोस्टरों-बैंनरों व स्वच्छ भारत अभियान के लिये करोड़ों खर्च करते हैं। जबकि यह पैसा हम लोगों के दिये गये टेक्स का होता है। जनप्रतिनिधियों का काम है, लोगों की सुख-सुरक्षा सहित बुनियादी सुविधाओं की सुनिश्चिति का ध्यान रखना। अगर वे ऐसा न करें तो हमें उनसे जवाब मांगना चाहिये। प्रस्ताव किया गया कि आज और अभी हम सभी को स्थानीय पार्षद के आॅफिस तक जुलूस निकालना चाहिए और उन्हें तुरन्त सफाई करने की मांग करनी चाहिए।
प्रस्ताव का सभी ने समर्थन किया और एक जुलूस निकाल गया। यह जुलूस कालोनी की गलियों के बीच से – ‘स्वच्छ भारत पर करोड़ों खर्च, हरकेश नगर वार्ड की जनता गंदगी से त्रस्त’, ‘संजय कालोनी में सफाई व्यवस्था-दुरूस्त करो’, ‘वार्ड की जनता गंदगी से त्रस्त है, हमारे जनप्रतिनिधि मस्त हैं’, – नारे लगाते हुए पार्षद के कार्यालय पर पहुंचा और घेराव किया।
कार्यालय में पार्षद उपस्थित नहीं थे। समिति के प्रतिनिधिमंडल ने पार्षद के नाम, उनके कार्यकर्ता को तुरंत सफाई करने की मांग ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में यह चेतावनी दी गई थी कि एक दिन के भीतर सफाई नहीं हुई तो इस बार पार्षद के कार्यालय पर धरना किया जायेगा।
इस जुलूस की सफलता बतौर, मात्र 6 घंटे बाद सफाई शुरू हो गयी।
स्थानीय समिति की इस सफलता में, इसके कार्यकर्ताओं, अन्य पार्टियों से जुड़े कार्यकर्ताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, नौजवानों आदि की भागीदारी है। अपने बुनियादी अधिकारों के लिए, हमें लोक राज संगठन की स्थानीय समितियों में एकजुट होकर लगातार संघर्ष करना होगा।