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राजस्थान के रामगढ़ उपतहसील में, 26 जून 2018 को सैंकड़ों किसानों ने फसल बीमा राशि का भुगतान करने की मांग को लेकर स्थानीय स्टेट बैंक शाखा का घेराव किया। आंदोलित किसान बैंक शाखा पर पहुंचे और धरने पर बैठ गये। किसानों ने मानव श्रंखला बनाकर बैंक का चारों ओर घेराव किया।

SBI Dharna Ramgarh on 26 June 2018 SBI Dharna Ramgarh on 26 June 2018 SBI Dharna Ramgarh on 26 June 2018

विदित है कि उस इलाके के 1200 किसानों की सावणी फसल 2017 की बीमा राशि को बैंक और निजी बीमा कंपनी ने मिलकर हड़प ली है। किसानों ने बीमा प्रीमियम की राशि स्टेट बैंक में जमा की थी। निजी बीमा कंपनी, बजाज एलांयस, ने समय अवधि निकल जाने का बहाना बनाकर किसानों को बीमा राशि देने से इनकार कर दिया। इस तरह किसानों को फसल खराबी के लिये मिलने वाले 8 करोड़ रुपये के भुगतान से वंचित किया गया है। इससे पहले किसानों ने इस मुद्दे पर बैंक कर्मियों और प्रशासन के साथ दो बार समझौता वार्ता आयोजित की थी परन्तु वे विफल रहीं।

बीमा राशि का भुगतान किये जाने की अपनी जायज मांग को लेकर, 26 जून को बैंक शाखा के इस घेराव का आयोजन किया गया था। लोक राज संगठन के उपाध्यक्ष, श्री हनुमान प्रसाद शर्मा, अखिल भारती किसान सभा के जिलाध्यक्ष बलवान पुनियां, पूर्व सरपंच ओम प्रकाश साहू, पूर्व सरपंच धनपत नेहरा, जिला परिषद सदस्य, मंगेज चौधरी, जिला सचिव विनोद स्वामी, जिला उपाध्यक्ष छोटू राम गोदारा, कुलदीप भांभू, जे. पी. यूणा, किसान सभा जिला संयुक्त सचिव रोहताष सोलंकी, पूर्व पंचायत समिति सदस्य ऋषि पाल कासनियां, आदि ने आंदोलित किसानों को संबोधित किया।

किसानों द्वारा बैंक घेराव की सूचना मिलते ही गोगामेडी पुलिस थाना से भारी पुलिस बंदोबस्त वहां पहुंची। उनके साथ-साथ, स्टेट बैंक, हनुमानगढ़ के मुख्य प्रबंधक तथा कृषि सहायक निदेशक भी वहां पहुंचे और उन्होंने किसान नेताओं से वार्ता शुरू की। वार्ता में प्रशासन व बैंक के अधिकारियों को यह मानना पड़ा कि किसानों की मांग एकदम जायज है। वार्ता में यह सहमति बनी कि एक महीने के अंदर किसानों की इस समस्या का हल किया जायेगा तथा किसानों की बीमा राशि का भुगतान किया जायेगा। इस आश्वासन पर आंदोलित किसानों ने घेराव समाप्त किया।

रामगढ़ के किसान इस समस्या में अकेले नहीं हैं। देशभर में किसान अन्य मांगों के अलावा, फसल खराबी से सुरक्षा की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। सरकार द्वारा घोषित फसल बीमा योजना के तहत, देश के अनेक स्थानों पर निजी बीमा कंपनियां, नाना प्रकार के बहानों के साथ, किसानों को अपनी बीमा राशि से वंचित कर रही हैं। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार द्वारा किसानों के तथाकथित कल्याण के लिये घोषित फसल बीमा योजना का असली उद्देश्य है निजी बीमा कंपनियों के मुनाफों को खूब बढ़ाना, न कि उत्पीड़ित किसानों को राहत पहुंचाना।

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