28 फरवरी, 2018 को राजस्थान के जिला हनुमानगढ़ की नोहर तहसील में सर्वदलीय किसान संघर्ष समिति की अगुवाई में, सैकड़ों किसानों ने गांधी चैक स्थित स्टेट बैंक आॅफ इंडिया की शाखा पर बाहर से ताला लगाकर कुर्की का विरोध किया और धरना दिया तथा बैंक का कामकाज ठप्प कर दिया। हाल ही में, सरकार ने अभावग्रस्त घोषित गांवों के कर्ज़दार किसानों की ज़मीनों की कुर्की के आदेश दिये हैं, जिससे इलाके के किसान काफी गुस्से में हैं।
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धरने को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि राज्य और केन्द्र सरकार किसान-विरोधी नीतियों के ज़रिए किसानों को प्रताड़ित कर रहे हैं। अगर सरकार किसानों को उनकी फसलों के लिये लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करे तो देश का हर एक किसान कर्ज़मुक्त हो जाएगा और खुशहाल होगा। लेकिन सरकार किसानों को कर्ज़दार रखकर सिर्फ अपने वोट के लिए गुलाम बनाए रखना चाहती है। उन्होंने बताया कि बैंक और बीमा कंपनियां मिलकर किसानों को लूट रही हैं।
किसानों ने बैंकों पर आरोप लगाया है कि बैंकों ने उनके खातों से बीमा प्रीमियम की काटी गई राशि को उनके खातों में पुनः जमा कर दिया है और उनकी फसल के बीमे को निरस्त कर दिया। प्रदर्शन के दौरान किसानों की पुलिस के साथ तीखी धक्का-मुक्की हुई। लेकिन किसानों के गुस्से के आगे पुलिस को पीछे हटना पड़ा।
किसानों के इस संघर्ष के चलते बैंक को सात सूत्रीय मांग पर लिखित समझौता करना पड़ा। लिखित समझौता होने के बाद किसानों ने धरना प्रदर्शन को रोक दिया और बैंक का ताला खोल दिया। लिखित समझौता इस प्रकार हुआ:
- जिन किसानों को वसूली नोटिस जारी हुए हैं, उन्हें निरस्त करने के लिए कलेक्टर को लिखा जाएगा।
- जिन काश्तकारों के जुलाई में बीमा प्रीमियम कटे हैं और सितंबर में प्रीमियम राशि वापस किसानों के खाते में जमा की गई है इस मामले की जांच करवाकर बीमा कंपनी व बैंक से पत्राचार किया जाएगा।
- किसानों को बीमा राशि दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
- खरीफ फसल के लिये 2017 में मुआवजे़ से वंचित मामलों की जांच करवाई जाएगी।
- ऋण फार्म को अंग्रेजी के बजाय हिंदी में करवाया जाएगा।
- किसानों को बीमा राशि सूची दिखाई जायेगी, आदि।
इस विरोध प्रदर्शन को संबोधित करने वालों में थे – लोक राज संगठन के सर्व हिन्द उपाध्यक्ष कामरेड हनुमान प्रसाद शर्मा, जिला परिषद सदस्य मंगेज चैधरी, असिंचित क्षेत्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष महंत गोपालनाथ और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सोहन ढिल। इसके अलावा, इस मौके पर, हंसराज शर्मा, नियामत अली, सुरेश स्वामी, राकेश नेहरा, प्रताप महरिया, सुरजीत बिजारणिया, इत्यादि मौजूद थे।