आज लोक राज संगठन की अगुवाई में, दक्षिणी दिल्ली स्थित न्यू संजय कैंप के 223 विस्थापित परिवारों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिविल लाइन स्थित आवास पर धरना दिया। धरने में बड़ी संख्या में महिला, बच्चे और बुजुर्ग उपस्थित थे।
धरने में विभिन्न प्रगतिशील संगठन और राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
धरने का संचालन श्री विरेन्दर मिश्रा ने किया।
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गौरतलब है कि दक्षिणी दिल्ली के ओखला औद्योगिक क्षेत्र 1 और 2 के मध्य बसी झुग्गी बस्ती, न्यू संजय कैंप के विस्थापित 223 परिवार को पुनर्वास के लिए भटकते हुए 8 साल बीत चुके हैं। नोएडा-सरिता विहार अण्डर पास के लिए दिल्ली सरकार ने 5 फरवरी, 2009 को इन्हें विस्थापित किया था।
विस्थापित परिवारों के पुनर्वास को लेकर तत्कालीन सरकार की उदासीनता के चलते विस्थापित परिवारों ने न्याय पाने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के जरिये दिल्ली उच्च न्यायालय में एक अपील डाली। 11 फरवरी, 2010 को दिल्ली उच्च न्यायालय की जस्टिस एपी शाह और एस. मुरलीधर की डबल बेंच ने उजाड़े गये 223 परिवारों को बसाने का आदेश सरकार को दिया। इस आदेश का तत्कालीन सरकार ने 2 साल तक पालन नहीं किया। विस्थापित परिवार फिर सुप्रीम कोर्ट गये। लेकिन 2014 के विधानसभा चुनाव को देखते हुये तत्कालीन सरकार ने विस्थापित परिवारों को पुनर्वास का वादा करके सुप्रीम कोर्ट से केस वापस ले लिया। उसके बाद, सरकार ने 223 विस्थापित परिवारों में से सिर्फ 4 परिवारों को पुनर्वास के लिए वैकल्पिक प्लाट अलाॅट कर दिया। हालांकि आज तक प्लाट पर कब्ज़ा नहीं दिया गया है। विस्थापित सभी परिवार पुनर्वास का कानूनी अधिकार रखते हैं, ऐसे में सिर्फ 4 लोगों को ही वैकल्पिक प्लाट का अलाटमेंट किया, इससे स्पष्ट होता है कि सरकार की मंशा ठीक नहीं थी।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार से विस्थापित परिवारों में न्याय की आश थी। ये परिवार न्याय पाने की उम्मीद में मुख्यमंत्री और क्षेत्रीय विधायक से मिले। लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी।
धरने को लोक राज संगठन के दिल्ली परिषद सचिव बिरजू नायक, पीयूसीएल से एडवाकेट एन.डी. पंचैली, कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी से संतोष कुमार, लोक राज समिति से लोकेश कुमार, तथा पीड़ित परिवारों से चन्द्रमा, रामजीत, शिवदेवी, विरेन्दर मिश्रा, शिवबच्चन इत्यादि ने संबोधित किया।
5 सदस्यी प्रतिनिधिमंडल – रामजीत, चन्द्रमा, दलीप शाह, शिवबच्चन, शिवदेवी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ज्ञापन सौंपा।