४ मार्च को बदलापुर (महाराष्ट्र) की मैराथन हॉउसिंग सासायटी में लोक राज संगठन की स्थानीय समिति द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय महिला दिन बड़े ही रोचक ढंग से मनाया गया। कार्यक्रम में तकरीबन 70 महिलाएं और 30 बच्चों ने हिस्सा लिया। सब से रोचक और खुशी देनेवाली बात यह थी कि इन 70 महिलाओं में 23 वर्ष की युवतियों से लेकर 75 वर्ष की, दिल से अभी नौजवान, महिलाओं ने भी बड़े उत्साह से हिस्सा लिया। हमारे लोक राज के सदस्य जिन्होंने पहल लेकर इस कार्यक्रम का आयोजन किया, उन्हें मैराथन रहिवासियों द्वारा बहुत सरहाया गया। महिलाएं इतनी खुश थीं कि उन्होंने अंत में लोक राज से जुड़ने की इच्छा व्यक्त की।
काफी समय से मैराथन में रहनेवाले हमारे लोक राज संगठन के साथी मैराथन सोसाइटी में, वहाँ के रहिवासियों के साथ मिल कर अच्छा काम करते आए हैं। उन्होंने पिछले साल बड़े पैमाने पर मैदान में अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया था। रहिवासियों के साथ मिल कर सोसायटी को साफ करने का अभियान चलाया था तथा रास्तों की खराब हालात को लेकर मुहीम भी शुरू की थी। इस सब के फल स्वरूप मैराथन में अच्छे बदलाव होते हुए नज़र आ रहे हैं। नगरसेवक द्वारा रास्ता सुधारने का आश्वासन भी मिला है। वहां के रहिवासियों ने संगठित होने की ताक़त को भी समझा है। हमारे साथियों के बुलंद इरादे देखते हुए रहिवासी लोक राज संगठन को अपनाने लगे हैं। इसीलिए इस वर्ष के अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के कार्यक्रम को आयोजित करने का एक महत्वपूर्ण मकसद था लोगों के बीच संगठित होकर सामूहिक तौर पर कार्यक्रम आयोजित करने की समझ को बढ़ावा देना। उन्हें यह एहसास दिलाना कि संगठित तौर पर की गई कोशिश सफलता का रंग ज़रूर दिखाती है। और इसीलिए लोगों ने लोक राज संगठन की स्थानिक समिति के अंतर्गत संगठित होने का महत्त्व समझा।
कार्यक्रम की शुरुवात हुई स्थानिक समिति के सदस्यों द्वारा गाये गए स्फूर्ति देनेवाले महिला संघर्ष पर आधारित गानों से। उसके तुरंत बाद विविध प्रकार के खेलों में सभी महिलाओं ने बहुत ही जिंदादिली से सहभाग लिया। ’’दोस्ती पहले, स्पर्धा बाद में!’’ इस भाव से मनाये गये इस उत्सव में हारनेवाला कोई था ही नहीं! सभी की जीत हुई। हमारे संगठन के साथियों ने सारे इन्तज़ामों का ख़्याल रखा था, जिस से कि किसी भी महिला को कोई भी खेल खेलने में तकलीफ़ ना हो। उदहारण के तौर पर, जब कुछ महिलाएं उनके छोटे बच्चे उनके साथ होने के कारण खेल नहीं पा रहीं थीं, तब हमारे महिला साथियों के साथ साथ पुरुष साथियों ने भी बच्चों को सँभालने के लिए हाथ आगे बढ़ाये, जिस से कि वहाँ पर उपस्थित सभी महिलाओं को खेलों में खुलकर हिस्सा लेने का मौका मिला। मजा तो तब आया जब खेलों के बीच एक 75 वर्षीय महिला दौड़ में जीत गयी! तब वहां उपस्थित सभी महिलाएं खुशी से झूम उठीं और अपनी कुर्सी से उठकर तालियाँ बजाने लगीं। रस्सी खींच की स्पर्धा में इतने उत्साह से भाग लेनेवाली महिलाओं वे सिद्ध किया कि वे सबला हैं, ना कि अबला! पूरे कार्यक्रम का माहौल एक उत्सव जैसा था जहाँ हर महिला खुलकर अपने मन में छुपे अरमानों को खुशी से पूरा कर रही थी।
कार्यक्रम के अंत में लोक राज संगठन की स्थानिक समिति के एक सदस्य ने बहुत ही स्फूर्तिदायक भाषण दिया। उस भाषण में साथी ने अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस का गौरवशाली इतिहास इस प्रकार सामने रखा कि लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। उन्होंने संगठित होकर अपने हक्कों के लिए लड़ने का महत्त्व समझाया। और इस बात पर भी जोर दिया कि किस तरह अगर आज भी हम अपनी मुश्किलों से मुक्त होना चाहते हैं, तो उसके लिए संगठित होकर हमें लोगों का राज स्थापित करना होगा, हमें ‘लोक राज’ लाना होगा। भाषण के खत्म होने पर तालियों की बराबर तेज आवाज ने दिखाया कि साथी द्वारा दिया गया सन्देश लोगों के दिल तक पहुंचा था।
बच्चे, बूढें व नौजवान – हर एक ने कार्यक्रम को बहुत ही सराहा और कहा कि ’’ऐसा कार्यक्रम हम ने पहली बार देखा है। ऐसा कार्यक्रम दुबारा आयोजित किया जाना चाहिए।’’ लोगों के चेहरे से झलकती खुशी ने यह साफ दिखाया कि मैराथन सोसायटी में आनेवाले दिनों में लोक राज संगठन एक सशक्त ‘लोगो का संगठन’ बतौर बनकर उभरेगा।