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International Women’s Day rally was organised in Delhi by Purogami Mahila Sangathan and 30 other organisations. These included Action India, AIDWA, AIPWA, Azad Foundation, Bhor Foundation, Delhi Solidarity Group, Domestic Workers Union, Feminism in India, Jagori, Joint Women’s Program, Kamkaji Mahila Samanvay Samiti (CITU), Nari Shakti Manch, National Alliance of People’s Movement, NFIW, Nirantar, RAHI Foundation, Saheli, Sama, Sangat, Shades of Happiness Foundation, Society for Labour and Development India, Solidarity and Action Against the HIV Infection (SAATHI), Stree Mukti Sangathan, Swastika Mahila Samiti, TARSHI and YWCA.

दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन पुरोगामी महिला संगठन तथा अन्य 30 संगठनों ने किया। इनमें शामिल थे – ए.आय.डी.डब्ल्यू.ए., ए.आय.पी.डब्ल्यू.ए., आज़ाद फाऊंडेशन, भोर फाऊंडेशन, दिल्ली सोलिडारिटी ग्रुप, डोमेस्टिक वर्कर्स यूनियन, फेमिनिज़्म इन इंडिया, जागोरी, ज्योइंट विमेन्स प्रोग्राम, कामकाजी महिला समन्वय समिति (सीटू), नारी शक्ति मंच, नेशनल अलाएंस ऑफ पीपुल्स मूवमेंट, एन.एफ.आई.डब्ल्यू., निरंतर, राही फाऊंडेशन, सहेली, समा, संगत, शेड्स ऑफ हेप्पीनेस फाऊंडेशन, सोसाइटी फॉर लेबर एण्ड डेवेलपमेंट इंडिया, सोलिडारिटी एण्ड एक्शन अगेंस्ट द एच.आई.वी. इन्फेक्शन (साथी), स्त्री मुक्ति संगठन, स्वास्तिक महिला समिति, तार्शी तथा वाई.डब्ल्यू.सी.ए.।

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Over a thousand women and men marched from Cannaught Place to Jantar Mantar, where a public meeting was held. Demonstrators shouted militant slogans like, “Long live International Women’s Day”, “Long live women’s liberation!”, “We want freedom – freedom from hunger and poverty, freedom from exploitation, freedom from atrocities against women, freedom from state terrorism!”, “We take the take the reins of power in our hands and put an end to injustices!”, “Down with anti-women and anti-worker labour laws!”, etc.
एक हजार से भी अधिक महिलाओं व पुरुषों ने कनॉट प्लेस से जंतर मंतर तक जुलूस निकाला जहां एक जनसभा की गयी। प्रदर्शन में शामिल लोग नारे लगा रहे थे, “अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस जिन्दाबाद! ”, “महिला मुक्ति जिन्दाबाद!”, “हमें चाहिये आजादी – भूख से आजादी, शोषण से आजादी, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार से आजादी, राजकीय आतंकवाद से आजादी!”, “महिला-विरोधी और मज़दूर-विरोधी श्रम कानून मुर्दाबाद!”, आदि।

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