16 अक्तूबर, 2016 को पूर्वी दिल्ली के पटपड़ गंज इलाके के शशीगार्डन में लोक राज समिति के गठन के अवसर पर एक जनसभा की गई। इस सभा में आस-पास की कालोनियों के सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम के आयोजन से संबंधित तैयारियों को करने की जिम्मेदारी तथा साथ ही साथ प्रतियोगिता के आयोजन की भी जिम्मेदारी लोक राज संगठन के स्थानीय कार्यकर्ताओं और सदस्यों ने संभाली।
कार्यक्रम के पहले सत्र में आयोजित प्रतियोगिता में आस-पास के सैकड़ों नौजवानों ने हिस्सा लिया। क्विज़, निबंध और चित्रकला प्रतियोगिताओं में जिन सैकड़ों बच्चों और नौजवान लड़के-लड़कियों ने हिस्सा लिया उनमें से प्रथम तीन स्थान हासिल करने वालों को पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में एक जनसभा आयोजित की गई। इस सभा में लोक राज संगठन के दिल्ली परिषद सचिव बिरजू नायक, हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर के वक्ता और लोक राज समिति स्थानीय सदस्यों ने अपने विचार प्रकट किये। जनसभा में उपस्थित लोगों के बीच शशी गार्डन लोक राज समिति का गठन किया गया। जो लोगों की स्थानीय समस्याओं के लिये संघर्ष करने और लोगों को संगठित करने का काम करेगी।
सभा को संबोधित करते हुये लोक राज संगठन के दिल्ली सचिव बिरजू नायक ने कहा कि दिल्ली की जनता के लिये कोई भी काम नहीं हो रहा है। वर्तमान में लोगों की समस्याओं का कोई समाधान नहीं हो पा रहा है। लेकिन केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार में रोज-ब-रोज कोई न कोई नया विवाद चल रहा है। यहां पर चुनी हुई सरकार लोगों के लिये कोई भी काम नहीं कर रही है।
उन्होंने बताया कि लोगों को पक्ष-निरपेक्ष आधार पर लोक राज समितियों में संगठित होना होगा। वर्तमान व्यवस्था में लोगों के पास कोई भी राजनीतिक अधिकार नहीं हैं, पांच साल में एक बार वोट डालने के अलावा। इसलिये लोगांे को अपने अधिकारों को पाने के लिये संगठित होना चाहिये और संघर्ष करना चाहिये।
सभा को संबोधित करते हुये हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के वक्ता ने लोक राज संगठन के कार्यकर्ताओं को इतना बढ़िया कार्यक्रम आयोजित करने के लिये बधाई दी। उन्होंने कहा कि पूंजीपति वर्ग जाति, धर्म और अपनी पार्टी की राजनीतिक विचारधारा के आधार पर लोगों में फूट डालते हैं, उनको आपस में बांट देते हैं। जबकि लोगों को सभी प्रकार के राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर एकजुट होकर अधिकारों के लिये संघर्ष करना चाहिये। पूंजीवादी लूट और बढ़ते शोषण के कारण मजदूर वर्ग दिन प्रति दिन ग़रीब होता जा रहा है और पूंजीपति वर्ग दुनिया के बड़े पूंजीपतियों में शामिल होते जा रहे हैं। पूंजीपतियों की तमाम पार्टियां, जैसे कि कांग्रेस पार्टी और भाजपा, उनके लिये मैनेजर का काम करती हैं। चुनाव करके लोगों को बुद्धू बनाया जाता है कि वोट डालकर आप अपना प्रतिनिधि चुन रहे हैं। जबकि लोगों के पास न तो प्रतिनिधि के चयन का अधिकार है, न चुने गये प्रतिनिधि को वापस बुलाने का अधिकार है, न लोगों के हित में फैसले लेने का अधिकार है, न ही नीतिगत फैसले लेने का कोई अधिकार है। देश के लोग जब एक पार्टी से तंग आ जाते हैं तो पूंजीपति वर्ग उसकी जगह पर दूसरी पार्टी को ले आते हैं। इसीलिये लोगों की स्थिति में कोई भी बदलाव नहीं होता है।
आज हमारे देश में 150 बड़े पंूजीपति घरानों की अगुवाई मंे दो लाख पूंजीपतियों का राज चल रहा है। जैसा कि आज़ादी से पहले केवल 50,000 अंग्रेज 35 करोड़ हिन्दोस्तानियों पर राज करते थे, उसी प्रकार ये 150 इजारेदार घराने 125 करोड़ लोगों पर राज करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें वर्तमान पूंजीवादी व्यवस्था को बदलना होगा और श्रमजीवी वर्ग का राज स्थापित करना होगा। इसके लिये हमें सभी को संगठित करना होगा और अधिकारों के लिये संघर्ष को तेज़ करना होगा।
सभा की अध्यक्षता चंद्रशेखर ने की और समापन भाषण रूपेश कुमार ने दिया। सभा को सुमित कुमार, अनिल यादव ने भी संबोधित किया। सभी ने कहा कि हमें अपने संगठन को और मजबूत करना है। लोगों को अपने अधिकारों के संघर्ष के लिये एकजुट करना है।
सभा का समापन समग्र नाट्य समूह के विकास द्वारा पेश की गई हास्य-व्यंग्य की कविताओं से एक खुशनुमा वातावरण में किया गया।