सांप्रदायिकता और हिन्दोस्तानी राज्य के विषय पर लोक राज संगठन ने 17 अक्तूबर को संजय कालोनी, ओखला में और 18 अक्तूबर, को शशी गार्डन, पटपड़गंज और जसोला, जामिया में प्रस्तुति की। इनमें नौजवानों ने बड़ी रूचि के साथ भाग लिया।
प्रस्तुति को लोक राज संगठन के नौजवान कार्यकर्ताओं ने पेश किया। प्रस्तुति में यह साफ समझाया गया कि उपनिवेशवादियों से हिन्दोस्तानी शासकों को जो राज्य विरासत में मिला था, सांप्रदायिकता उसका एक अटूट हिस्सा है। वर्तमान हिन्दोस्तानी राज्य का जन्म इतिहास में हुये एक अति भयानक सांप्रदायिक खून-खराबे के दौरान हुआ था। उस समय से लेकर आज तक, चाहे किसी भी पार्टी की सरकार रही हो, सांप्रदायिक हिंसा और कत्लेआम आयोजित करना तथा पूरे राज्यतंत्र के सहारे उसे अंजाम देना, सांप्रदायिक और जातिवादी प्रचार व बंटवारे के आधार पर वोट जुटाने और चुनाव जीतने की नीति, सांप्रदायिक और जातिवादी आतंक का माहौल बनाये रखना, लोगों को अपने विचारों की वजह से हिंसा का निशाना बनाना, गुनहगारों को कभी सज़ा न मिलना बल्कि राज्य से पूरा संरक्षण मिलना – यह हमारे देश की राजनीति में निरंतर चलता रहा है और आज भी बार-बार हमारे सामने आता है।
इस प्रस्तुति को देखने वालो नौजवानों ने यह प्रतिक्रिया दी कि इससे उन्हें काफी जानकारी मिली जो कभी नहीं सिखाया जाता है। उन्होंने प्रस्तुति में उठाये गये विषयों को और अच्छी तरह समझने के लिये कई सवाल भी रखे, जिनका लोक राज संगठन के कार्यकर्ताओं ने जवाब दिया।