कड़कड़ाती सर्दी और बारिश के बावजूद, अनुबंधित अतिथि अध्यापकों का धरना बीते 15 जनवरी से गेस्ट टीचर एसोसियशन की अगुवाई में दिल्ली सचिवालय पर जारी है।
अनुबंधित अध्यापक दिल्ली सरकार से नियमित किये जाने की मांग कर रहे हैं।
धरने को जारी रखते हुए, अध्यापकों ने 19 जनवरी, 2014 को दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोसिया के आवास पर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए, नेताओं ने बताया कि ‘आम आदमी पार्टी ने जिन 18 मुद्दों पर सरकार बनायी है, उनमें ठेका मजदूरी को खत्म करने का भी मुद्दा है। सरकार को आगे बढ़कर हर प्रकार की ठेकेदारी को खत्म करना चाहिए। हम शिक्षक, दिहाड़ी मजदूर के समान हैं, न समान वेतन मिलता है और न ही अवकास और ऊपर न ही किसी प्रकार के काम की सुरक्षा।’
लोक राज संगठन के सर्व हिन्द परिषद के सदस्य धर्मेन्द्र कुमार अध्यापकों इस प्रदर्शन में पहुंचे और अध्यापकों की मांगों का समर्थन किया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री को सौंपे अपने ज्ञापन में अतिथि अध्यापकों ने नियमितीकरण की प्रक्रिया पूरी होने तक निम्नलिखित कदमों को उठाने की मांग की:
- अतिथि अध्यापकों का अनुबंधन 10 मई, 2014 को समाप्त हो जायेगा, जिसके बाद हम बेरोजगार हो जायेंगे। हमारा अनुबंधन तब तक रखा जाये जब तक कि हमें नियमित नहीं किया जाता।
- वर्तमान अतिथि अध्यापक जहां कार्यरत हैं उनको रिक्त पद न माना जाये।
- वर्तमान कार्यरत अतिथि अध्यापकों को वेतन प्रतिदिन – प्राइमरी 600 रुपये, टी.जी.टी. 700 रुपये व पी.जी.टी. 800 रुपये दिया जाता है। अवकाश के दिनों में वेतन नहीं दिया जाता है। अथिति अध्यापकों के वेतनमान को दिल्ली नगर-निगम के अध्यापकों के समान वेतन दिया जाए।