29 अक्तूबर, 2012 को ‘1984 इंसाफ के लिए अभियान’ दिल्ली विश्वविद्यालय के आर्ट फेकल्टी पहुंची। सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे बीच, सैकड़ों छात्रों ने फोटो प्रदर्शनी को देखा। अधिकांश छात्र यह जानना चाहते थे कि नवम्बर 1984 में क्या हुआ था? अभियान से जुड़े कार्यकर्ता छात्रों के सवालों का जवाब दे रहे थे। हरेक फोटो, 1984 के सिख नरसंहार का जीता-जागता उदाहरण था। इन फोटो को देखकर, छात्रों ने कहा कि ऐसा दुबारा नहीं होना चाहिए, आपका संघर्ष जायज़ है। छात्रों ने हस्ताक्षर करके अभियान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की।