charcha-sep-2012-2.jpg16 सितंबर, 2012 को पूर्वी दिल्ली के शशी गार्डन में लोक राज संगठन के सदस्यों ने नौजवानों के बीच एक चर्चा आयोजित की, जिसका विषय था ‘वर्तमान बंटवारे की राजनीति’। इस चर्चा में पत्रकार श्री जरनैल सिंह को भी आमंत्रित किया गया था। चर्चा में उपस्थित सभी नौजवान लड़के-लड़कियां, स्नातक या स्नातकोत्तर की शिक्षा ले रहे हैं।

चर्चा के दौरान यह बात स्पष्ट होकर आई कि वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था लोगों की सुख-सुरक्षा की कोई जिम्मेदारी नहीं लेती है। जैसा कि आम तौर पर देखा गया है कि किसी भी सांप्रदायिक कत्लेआम में लोगों को अपनी जान गंवाने के लिये छोड़ दिया जाता है। वहां उपस्थित नौजवानों की स्पष्ट राय थी कि राजनीतिक पार्टियां अपने राजनीतिक स्वार्थ हासिल करने के लिये भी लोगों की भावनाओं को भड़काती हैं। लोगों के अधिकारों के संघर्षों को कुचलने के लिये भी राज्य द्वारा ऐसे कत्लेआमों को प्रश्रय दिया जाता है।

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चर्चा में उपस्थित पत्रकार जरनैल सिंह ने नौजवानों को बताया कि उन्होंने 1984 के कत्लेआम के गुनहगारों को सजा न दिये जाने और गुनहगारों को मंत्रीमंडल और मंत्री जैसे पदों पर बैठाने के खिलाफ़ अपना गुस्सा जाहिर किया। और हम लागातार उसके गुनहगारों को सजा दिलाने के लिये संघर्ष कर रहे हैं और करते रहेंगे। उन्होंने एक पुस्तक भी लिखी है जो 1984 के कत्लेआम पर आधारित है जिसका शीर्षक है ‘चैरासी कब कटेगी…’, इसके बारे में बताया।

चर्चा के दौरान नौजवानों ने बताया कि हमें जो पढ़ाया जाता है और यहां जो बताया जा रहा है इन दोनों में काफी अंतर है। नौजवानों ने इस बात को पूरा महसूस किया कि मीडिया में भी पूरी जानकारी नहीं दी जाती है।

नौजवानों ने चर्चा के दौरान कई सवाल उनसे किये जिनका उत्तर उन्होंने बहुत ही सरल तरीके से दिया ताकि नौजवानों के सामने वर्तमान राजनीतिक प्रक्रिया किस तरह काम करती है कुछ खास लोगों के भले के लिये यह स्पष्ट हो जाये।
इस तरह की चर्चाओं को लोगों के बीच चलाते रहना चाहिये। इसी संकल्प के साथ चर्चा का समापन किया गया।
 

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